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simi 4 activist gets bail from supreme court in khandwa jail brake bjp congress law and order ngmp | SIMI के 4 कार्यकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, बीजेपी-कांग्रेस आए आमने-सामने

वासु चौरे/भोपालः सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रतिबंधित संगठन सिमी (Students Islamic Movement of India) के 4 कार्यकर्ताओं को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. बता दें कि ये चारों खंडवा जेल ब्रेक के आरोपियों को शरण देने के आरोप में भोपाल सेंट्रल जेल में बंद थे. दरअसल मामले की जांच एजेंसी MP ATS समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. 

जिन 4 लोगों को रिहा किया जाएगा, उनमें सिद्दकी, इस्माइल माशालकर, उमर दंडोती और इरफान शामिल हैं. ये महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले हैं. ये चारों लोग दिसंबर 2013 से जेल में बंद थे. रिहा किए गए सिमी कार्यकर्ताओं के वकील ने इस मामले में एटीएस पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. 

क्या है मामला
बता दें कि अक्टूबर 2013 में खंडवा जेल के दो प्रहरियों को चाकू मारकर सिमी के 7 कार्यकर्ता जेल से फरार हो गए थे. इस मामले में उक्त चारों पर इन फरार कार्यकर्ताओं को पनाह देने का आरोप लगा था. जिसके आधार पर दिसंबर 2013 में इन्हें गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल ये भोपाल सेंट्रल जेल में सिमी के अन्य 28 कैदियों के साथ बंद थे. 

खंडवा जेल से भागे 6 सिमी कार्यकर्ताओं पर एटीएफ के जवान सीताराम यादव की हत्या का आरोप था. इन सभी को विभिन्न जेलों से खंडवा जेल पेशी पर लाया गया था. जहां से रात के समय ये 6 और एक अन्य कैदी जेल से फरार हो गए. इस दौरान आरोपियों ने दो जेल प्रहरियों को चाकू से गोदकर बुरी तरह घायल कर दिया था.

इस मामले पर सियासत शुरू
अब सिमी कार्यकर्ताओं को जमानत मिलने पर सियासत भी शुरू हो गई है. बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लचर कानून व्यवस्था का ही नतीजा है कि सिमी कार्यकर्ताओं को जमानत मिल गई. प्रदेश को और सतर्क रहने की जरूरत है. महिलाओं पर अत्याचार के मामले में मध्य प्रदेश लगातार नंबर वन रहा है. कानून का खौफ लोगों के मन से खत्म हो चुका है. 

वहीं कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी के महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि महिलाओं पर अत्याचार दुर्भाग्यपूर्ण है. राजस्थान में जो आंकड़े हैं, उससे कांग्रेस के तर्क बदल जाते हैं. कांग्रेसी ही सिमी के सगे हैं. हम ना सिमी के किसी कार्यकर्ता के साथ हैं और ना रहेंगे.

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