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शिमला में शुरु हुआ ‘एकता’ (एक्सबिशन कम नोलज शेयरिंग फॉर टेक्सटाईल एडवॉटेज), प्रदर्शनी के साथ 3 दिवसीय ज्ञान सत्रों और कार्यशालाओं पर रहेगा विशेष जोर

जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की भी भागीदारी है।इस बार का आयोजन यहां आने वाले पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा।आयोजन में शामिल होने के लिए  देशभर से कारीगर और बुनकर यहां पहुंचे हैं,जिनकी कला और परंपरा को नजदीक से देखने का अवसर सभी को मिलेगा।”शुभ्रा, व्यापार सलाहकार, वस्त्र मंत्रालय, ने कहा,“इस प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों के स्टाल  लगाए गए हैं, जिनमें मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।प्रदर्शनी में हैंडमेड उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।भारत में वस्त्र उद्योग तेज़ी से आगे बढ़ रही है, इसमें रोजगार की अपार  संभावनाएं हैं और हमारा प्रयास है की इसे वैश्विक स्तर पर आगे लेकर जाएं।”इस मौके पर बोले हुए रोहित कंसल, आईएएस, अतिरिक्त सचिव, वस्त्र  मंत्रालय, ने कहा, ” एकता में ज्ञान साझा करने वाले सत्रों के दौरान, हमारे बुनकरों और  हस्तशिल्पकारों को नई तकनीकों,  डिज़ाइन ट्रेंड्स और डिजिटल मार्केटिंग की जानकारी मिलेगी।राज्यों के बीच सहयोग, संसाधनों की साझेदारी और सांस्कृतिक आदान- प्रदान के ज़रिए हम पारंपरिक हुनर को न केवल संरक्षित करेंगे, बल्कि कारीगरों को नए बाज़ारों तक पहुँच

दिलाकर उनके लिए रोज़गार और विकास के नए रास्ते भी खोलेंगे।इस अवसर पर भारत सरकार और  हिमाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ  अधिकारी मौजूद रहे । 

इस आयोजन के दौरान 19 से 21 मई तक गेयटी थिएटर, शिमला में ज्ञान साझा करने वाले सत्र और कार्यशालाएंभी आयोजित की जा रही हैं।इन सत्रों को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि वे विशेष रूप से स्वयं  सहायता समूहों, युवा कारीगरों और  शिल्प उद्यमियों को आज के  प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में सफल होने केलिए आवश्यक जानकारी और कौशल प्रदान करें।‘एकता’ पहल का उद्देश्य न केवल पारंपरिक शिल्प और तकनीकों को संरक्षित करना है, बल्कि कारीगरों को नए युग के अनुसार तैयार करना भी है। यह आयोजन स्थानीय शिल्प को  वैश्विक बाजार से जोड़ने, आजीविका के अवसर बढ़ाने और आत्मनिर्भर  भारत की भावना को मज़बूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।