



शिमला स्थित कु वी निवास परिसर में गेस्ट रूम न होने से पर्यटकों के मेहमानो को उठानी पड़ रही है दिक्कतें, भवन के बोर्ड पर तो अतिथिगृह लिख कर हिमाचल सरकार व पर्यटकों को बेवकूफ बनाया जा रहा है जब कि वास्तविकता में वहां अतिथिगृह है ही नहीं, कुवि कुलसचिव ने जांच करवाने का दिलाया भरोसा
शिमला। शिमला स्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास परिसर आवास में हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन महामहिम राज्यपाल व कुलाधिपति रहे महाबीर प्रसाद ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय विशेषकर हरियाणा के कोने-कोने से हिमाचल की राजधानी शिमला का ग्रीष्म ऋतु में लुत्फ उठाने के उद्देश्य से इस आवासीय परिसर में 10 बेड्स वाली बड़ी-बड़ी दो डोरमेट्रियां, एक राज्यपाल आवास, एक कुलपति आवास व 9 अतिरिक्त वी वी आई पी रूम्स का निर्माण करवा कर इस आवासीय परिसर में लगभग 40 से 50 पर्यटकों के ठहराव के साथ-साथ इस आवासीय परिसर में ठहरने वाले दर्जनों पर्यटकों से वहाँ मिलने आने पहुंचने वाले मेहमानों के बैठने वगैरा के लिये इस आवासीय परिसर के ठीक बाहर एक आलीशान वी वी आई पी मेहमान भवन का भी निर्माण करवाया गया था, जहाँ बैठ कर शिमला स्थित इस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास में बैठ कर संबंधित मेहमान वगैरा विशेषकर हरियाणा व हिमाचल आदि प्रान्तों से आवागमन करने वाले केबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, विधायक व सांसदगण जलपान वगैरा कर अपने मेहमानों का सुख दुःख भी थोड़े समय के लिये साझा कर लिया करते थे लेकिन कुछ वर्ष पूर्व हिमाचल व हरियाणा के राज्यपाल व तत्कालीन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे महाबीर प्रसाद के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाते हुए कुरुक्षेत्रविश्वविद्यालय के एक निकम्मे अधिकारी ने शिमला स्थित इस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय वी वी आई पी निवास परिसर में बने मेहमान रूम को चंद रुपए कमाने के उद्देश्य से जानबूझ कर बंद करवा दिया, जिस के परिणामस्वरूप शिमला स्थित इस कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास में अपने मेहमानों से थोड़ी बहुत देर के लिए मिलने आने पहुंचने वाले मेहमानों विशेषकर हरियाणा व हिमाचल के कोने-कोने से आने वाले अति वशिष्ठ मेहमानों तक को इस आवासीय निवास के आस पास मजबूरन धक्के खाने पड़ रहे है। हालांकि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शिमला स्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास में पर्यटक के तौर पर ठहरने वाले पर्यटकों व हिमाचल सरकार को बेवकूफ बनाने के उद्देश्य से बड़ी होशयारी बरतते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास शिमला भवन के एंट्रेंस में लंबा-चौड़ाा जो बोर्ड लगाया गया है, उस बोर्ड में भी विश्वविद्यालय प्रशासन के संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों ने हिमाचल सरकार व पर्यटकों को सरेआम मिस गाइड करने के लिये मात्र खानापूर्ति के लिये अंकित सब से पहले की पंक्ति में भी ग्राउंड फ्लोर पर वेटिंग रूम ओर डाइनिंग रूम की अंकित कर रखा है जब कि वास्तविकता यह है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन के एक पूर्व नकारात्मक अधिकारी की मनमानी के चलते विगत अनेक वर्षों से ग्राउंड फ्लोर पर हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महाबीर प्रसाद के अथक प्रयासों से शिमला स्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास में बनाए गए इस अतिथि गृह अर्थात वेटिंग रूम को बंद कर के इस वेटिंग रूम को भी पर्यटकों को अन्य रूम्स की तर्ज पर किराए पर दिया जा रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव वीरेंद्र पाल सिंह ने इस बारे में पूछने पर इस पूरे मामले की जांच करवाने की बात कही। इस बारे में शिमला आवागमन करने वाले पर्यटकों का कहना है कि या तो विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बोर्ड में सब से पहली पंक्ति में अंकित वेटिंग रूम को ही मिटा देना चाहिए या फिर संबंधित बोर्ड में अंकित वेटिंग रूम पर अमल करते हुए भवन निर्माण समिति हिमाचल सरकार व वहाँ ठहरने वाले पर्यटकों को बेवकूफ ही बनाना चाहिए। बोर्ड पर अंकित सरासर झूठ के चलते शिमला स्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास परिसर में मेहमानों के बैठने के लिये कोई भी मेहमान रूम न होने के कारण कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन, विशेषकर हरियाणा के महामहिम राज्यपाल व कुलाधिपति कार्यालय की भी किरकरी हो रही है। गौरतलब है कि शिमला या पूरे भारत वर्ष में जहाँ कही भी केंद्र सरकार, प्रांतीय सरकारों, अर्धसरकारी संस्थाओं या प्राइवेट अर्थात निजी तौर पर भी गेस्ट रूम्स, आवासीय परिसर वगेरा का निर्माण किया गया है, उन में सभी के सभी सरकारी, अर्धसरकारी या निजी प्राइवेट संस्थाओं में एक से ले कर चार चार वी वी आई पी मेहमान रूम्स वगैरा का भी निर्माण किया गयाहै लेकिन इस के चलते पूरे हरियाणा प्रान्त में मात्र शिमला स्थित अकेला कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का निवास परिसर ही ऐसा आवासीय परिसर है जहाँ एक भी वी वी आई पी आवासीय परिसर शिमला स्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय निवास परिसर में नहीं है और इस आवासीय परिसर में हरियाणा व हिमाचल के तत्कालीन राज्यपाल व कुलाधिपति महाबीर प्रसाद ने जिस वी वी आई पी मेहमान रूम का प्रमुखता के साथ निर्माण कराया भी गया था, उसे भी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एक नकारात्मक शैली के धनी निक्कमे अधिकारी द्वारा हरियाणा के राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलाधिपति तक से बिना किसी भी प्रकार की स्वीकृति लिये अपनी मनमानी करते हुए बंद कर दिया गया था। वैसे भी किसी भी स्थान पर भवन निर्माण कानून सलाहकार समिति के नियमानुसार कोई भी सरकारी, अर्धसरकारी, प्राइवेट अर्थात किसी भी निजी व्यक्ति या संस्थान के लिये कहीं पर भी किसी भी भवन में बिना कोई अतिथि हाल वाला भवन यदि चल रहा है है तो वो पूर्णतः गैरकानूनी है और यदि कहीं पर भी ऐसा देखने को मिल रहा है तो संबंधित सरकारों को ऐसे संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए उन्हें इस संदर्भ में तुरंत आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर संबंधित संस्थानों में तुरंत अतिथि हाल भी बनवाना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी हरियाणा की प्रांतीय कार्यकारणी के सदस्य पवन आश्री ने इस बारे अपना ध्यान विगत समय मे हरियाणा के महामहिम राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति की ओर वहीं दिलाया था। हैरानी की बात तो ये भी हैं कि तब से ले कर आज तक हरियाणा के किसी भी तत्कालीन राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के किसी भी कुलाधिपति ने भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य पवन आश्री द्वारा इस मामले को जनहित में उठाने के बाद भी कुलाधिपति कार्यालय कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से इस दिशा में कोई भी कारगार कदम नहीं उठाए गए।