Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के ओएसडी लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma) के ट्वीट मामले में एक नया मोड़ आया है. ट्वीट (Tweet) को सियासी तौर पर जोड़ने के चलते बवाल हुआ है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया है. लोकेश शर्मा ने शनिवार देर रात करीब 12:30 बजे अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा.
मजबूत को मजबूर, मामूली को मग़रूर किया जाए…
बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए !!— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) September 18, 2021
लोकेश शर्मा ने इस्तीफे का कारण उनके खुद के एक ट्वीट को बताया है. दरअसल, उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि मजबूत को मजबूर. मामूली को मग़रूर किया जाए..बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए.
इस ट्वीट को पंजाब (Punjab) के सियासी हालातों से जोड़कर भी देखा गया है. लोकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर पद से इस्तीफे की पेशकश की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पत्र में लोकेश शर्मा ने लिखा है कि आदरणीय मुख्यमंत्री जी, आज दिन में मेरे द्वारा किए गए द्वीट को राजनैतिक रंग देते हुए, गलत अर्थ निकालकर पंजाब के घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है. श्रीमान से निवेदन है कि वर्ष 2010 से मैं ट्विटर पर सक्रिय हूं और मैंने आज तक पार्टी लाइन से अलग कांग्रेस के किसी भी छोटे से लेकर बड़े नेता के संबंध में और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को लेकर कभी कोई ऐसे शब्द नहीं लिखे हैं जिन्हें गलत कहा जा सके.
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आपके द्वारा ओएसडी की जिम्मेदारी देने के बाद से मेरी सीमाओं और मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए कभी कोई राजनैतिक द्वीट नहीं किया. मैंने हमेशा राज्य सरकार (State Government) और मुख्यमंत्री की बात, सरकार के फैसले, जनकल्याणकारी योजनाओं (Public Welfare Schemes) और सरकार की सकारात्मक मंशा को ही आगे बढ़ाने का प्रयास किया. सरकार के कार्यकलाप और सरकार की एवं मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने वाले लोगों को तथ्यों के साथ जवाब देकर उनके द्वारा फैलाए जाने वाले भ्रामक प्रचार को रोकने का प्रयास किया. मैं लगभग रोजाना ही द्वीट करता रहता हूं.
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उन्होंने आगे लिखा कि श्रीमान मेरे आज के ट्वीट से किसी भी रूप में पार्टी, सरकार और आलाकमान की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं करबद्ध रूप से क्षमा चाहता हूं. मेरी मंशा, मेरे शब्द और मेरी भावना किसी को भी किसी भी रूप में ठेस पहुंचाने वाली नहीं थी और न कभी होगी. माननीय फिर भी अगर आपको लगता है मेरे द्वारा जान-बूझकर कोई गलती की गई है तो मैं आपके विशेषाधिकारी पद से इस्तीफा भेज रहा हूं, निर्णय आपको करना है.