नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती का एक विवादित बयान सुर्खियों में हैं. उमा भारती ने नौकरशाहों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी नेताओं को नहीं घुमाती बल्कि हमारी चप्पल उठाती है, ब्यूरोक्रेसी कुछ भी नहीं होती. बीजेपी नेता का यह बयान सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है जिस पर विवाद बढ़ने का आसार हैं.
‘ब्यूरोक्रेसी हमारी चप्पल उठाती है’
मध्य प्रदेश में शराबबंदी के खिलाफ अभियान छेड़ने वाली उमा भारती पहले ही शिवराज सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा रही थीं और अब उनके ताजा बयान से नया विवाद पैदा हो गया है. किसी सवाल के जवाब में उमा वीडियो में कहती हैं कि आपको गलतफहमी में ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती चप्पल उठाने वाली होती है, ये चप्पल उठाती है हमारी. उन्होंने आगे कहा कि आपको क्या लगता है ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है, ऐसा बिल्कुल नहीं है पहले अकेले में बात हो जाती है फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है.
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दरअसल उमा भारती भोपाल स्थित अपने घर में ओबीसी महासभा के डेलिगेशन से मुलाकात कर रही थीं. इस दौरान जातिगत जनगणना पर बात करते हुए उमा भारती ने निजीकरण को लेकर अपने गुस्सा जाहिर किया. बताया जा रहा है कि उमा का ये वीडियो 18 सितंबर का है.
‘नेताओं को घुमाने की औकात नहीं’
उमा ने अपने बयान में कहा कि हमसे पूछो 11 साल केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं, मुख्यमंत्री रहे. सब फालतू की बात है कि ब्यूरोक्रेसी नेताओं को घुमाती है. घुमा ही नहीं सकती, हम उन्हें सैलरी दे रहे हैं, उन्हें पोस्टिंग दे रहे हैं, हम उन्हें प्रमोशन और डिमोशन दे रहे हैं. उनकी कोई औकात नहीं है. असली बात है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं.