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yogi government recommended cbi inquiry for mahant narendra giri death case know the detail uppm | नरेंद्र गिरी मौत मामला: योगी सरकार ने की CBI जांच की सिफारिश, महंत की सुरक्षा में लगे 11 पुलिसकर्मी भी हटाए गए

प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) की मौत का मामला अभी तक सुलझ नहीं सका है. ऐसे में मामले की तह तक जाने और जल्द सच्चाई सामने लाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की गई है. फिलहाल इस मामले की जांच के लिए DIG प्रयागराज ने एसआईटी (SIT) का गठन किया है, जो हर एंगल से जांच कर रही है. इस टीम में DSP के नेतृत्व में 18 पुलिसकर्मी हैं. इसमें क्राइम ब्रांच, फोरेंसिक और सर्विलांस टीम को भी शामिल किया गया है. 

सुरक्षा में लगे 11 पुलिसकर्मियों को हटाया गया 
बुधवार को नरेंद्र गिरी की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया. पुलिस महकमे के आला अधिकारियों ने सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय स्तर पर गोपनीय जांच भी बैठाई है. नियमानुसार सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आने पर निलंबन की कार्रवाई भी हो सकती है. वहीं, मामले में जल्द ही सुरक्षा में लगे सभी पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे. बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी. वाई श्रेणी की सुरक्षा में 11 जवानों की टीम होती है. फिलहाल सभी 11 जवानों को मठ से हटा दिया गया है.

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सीएम योगी ने कही थी दोषियों को सजा दिलाने की बात 
नरेंद्र गिरी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने प्रयागराज के बाघंबरी मठ पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मामले में बहुत सारे साक्ष्य कलेक्ट किए गए हैं. जिम्‍मेदार को कानून के दायरे में लाकर कड़ी सजा दिलाई जाएगी. बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद साधु-संतों समेत कई लोगों ने मामले में सीबीआई जांच की मांग उठाई थी. इसके अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी वकीलों ने याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. 

20 सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था महंत का शव 
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की 20 सिंतबर को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उनका शव बाघंबरी गद्दी स्थित मठ के एक कमरे में पंखे से लटकता हुआ मिला था. पुलिस को मौके से ही कई पन्नों का सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने आनंद गिरी द्वारा ब्लैकमेल करने और बलवीर के नाम वसीयत लिखकर उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने की बात लिखी है. महंत नरेंद्र गिरी के उस कथित सुसाइड नोट को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. 

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आनंद गिरी समेत तमाम जानने वालों को हत्या की आशंका
बता दें कि नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी समेत तमाम लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं कि महंत ने आत्महत्या की है. सबसे पहले उनके शिष्य आनंद गिरि ने ये सवाल उठाया था कि, “गुरु जी को लिखना नहीं आता था, तो फिर वो इतने पन्नों का सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं ?” इस आनंद गिरि ने महंत के करीबी लोगों पर उनकी हत्या का शक जाहिर किया था. इसके साथ ही खुद को बेगुनाह कहा था. 

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