



हिमाचल/ चंडीगढ़:18 जुलाई 2025, पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज चंडीगढ़ में वर्ल्ड हिमाचली ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न हिमाचली कल्याणकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों की बैठक में हिमाचल के हित में अपने विचार रख एक पेड़ माँ के नाम कार्यक्रम के अन्तर्गत वृक्षारोपण किया। श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में कंटेंट क्रियेटर्स से सामाजिक जागरूकता व हिमाचली संस्कृति ख़ान-पान को बढ़ावा देने वाले कंटेंटस् को बनाने का अनुरोध किया।
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ हिमाचल के लोगों ने अपनी मेहनत के दम पर दुनिया भर के अपनी एक सशक्त पहचान बनाई है।। हिमाचल के लोगों की छवि ईमानदार, न्यायप्रिय और क़ानून को मानने वाले नागरिक के तौर पर होती है भारत की विकास यात्रा में हिमाचल प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। यह हमारा गौरव और हमारी ताक़त है। चंडीगढ़ व देश के अन्य हिस्सों में हिमाचलियों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न संगठन हम सब के अंदर एकजुटता को बढ़ाने व अपने प्रदेश की संस्कृति, परंपरा, और गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। हमें जीवन में अपने हर कदम पर ख़ुद से यह दोहराते रहना है कि हमारे लिए हिंदुस्तान प्रथम, फिर हिमाचल, अंत में हम की भावना होनी चाहिए। हिमाचल की वीरभूमि ने इस देश को बहुत कुछ दिया है और हमारे ऊपर एक गौरवशाली व समृद्ध परंपरा को संजोने व इसे आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी है”
आगे बोलते हुए श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ विभिन्न संगठनों में काम करने के दौरान हमारी सोच और राय भिन्न हो सकती अहि मगर जहां हिमाचल और हिमाचली अस्मिता की बात आए वहाँ पर एकजुटता दिखाना ही हमारा धर्म है। आज हिमाचल प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है मगर इस कष्टदाई समय में भी यह देखना सुखद है कि हिमाचल के ज़ख्मों को भरने के लिए, हिमाचल को विपदा से निकालने के लिए हर जगह के हिमाचली पूरी एकजुटता से अपनी क्षमतानुसार मदद कर रहे हैं”
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ इसमें कोई संदेह नहीं है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया ने 11 वर्ष पूरे किए हैं तो उसका सुखद परिवर्तन पूरे देश ने देखा है। इस माध्यम में सीधा संवाद है, Inovation के लिए स्थान है। कंटेंट क्रिएटर्स और श्रोता या दर्शक के बीच कोई मध्यस्थ नहीं है। यह एक ओर पारदर्शी होने के कारण अच्छा पक्ष है, वहीं दूसरी ओर, इसके साथ कई जिम्मेदारियां भी जुड़ी हैं। कंटेंट क्रिएटर्स से मेरा अनुरोध है कि वो सामाजिक जागरूकता व हिमाचली संस्कृति व ख़ान-पान को बढ़ावा देने वाले कंटेंटस् को बनाने पर ज़्यादा ज़ोर दें जिस से दुनिया भर को हिमाचल से जुड़ी दुर्लभ जानकारियों का पता चल सके।