पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा के मुद्दे पर बीजेपी पूरे देश मे आंदोलनरत है। पंजाब में अन्य मुद्दों को दरकिनार कर बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे पंजाब सरकार की साजिश करार दिया
है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम था। पंजाब में 42 हजार करोड़ से ज्यादा के उद्घाटन व शिलान्यास होने थे। लेकिन वहां एक खूनी साजिश हुई जो पंजाब सरकार द्वारा प्रायोजित थी। यह एक षड्यंत्र था। एक निजी चैनल के द्वारा किये गए स्टिंग से यह खुलासा हुआ है। पुलिस को कोई कार्यवाही न करने के आदेश दिए
गए थे पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रही थी। बीजेपी इस साजिश का पर्दाफाश कर जनता के सामने रख रही है। पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में घोर लापरवाही बरती है। बीते पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोका जाना कोई संयोग नहीं बल्कि तरीके से रची गई खूनी साजिश थी। पंजाब पुलिस कह रही है कि उन्हें ऊपर से कुछ भी नहीं करने के आदेश थे। जबकि फिरोजपुर सीआईडी डीएसपी को इसकी सारी जानकारी थी। बावजूद इसके कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
ने कहा कि ऐसा पहली बार देखा गया कि पीएम की सुरक्षा में किसी राज्य ने लापरवाही बरती हो। जब भी किसी राज्य में पीएम का कार्यक्रम होता है तो उस राज्य की जिम्मेवारी होती है कि पीएम के वहां पर रहने तक सुरक्षा मुहैया करवाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीएम के साथ प्रोटोकोल में उस राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक भी साथ रहते है, लेकिन पंजाब में कोई अधिकारी नहीं था। सीएम जयराम ने कहा कि हैरानी तब होती है जब पीएम का काफिला फ्लाइओवर पर रूका रहा और पुलिस वाले प्रदर्शनकारियों
के साथ चाय पीते रहे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि किसान की शक्ल में वहा प्रदर्शनकारी थे। उन्होंने कहा कि ऐसा साबित होता है कि यह घटनाक्रम
मिलीभक्त के साथ हुआ है।





