शिमला 29 अक्तूबर, 2025, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट कर हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत वित्तीय सहायता, ऋण एवं अनुदान के लिए उदार दृष्टिकोण अपनाने तथा प्रदेश को वित्त वर्ष 2025-26 की शेष अवधि के लिए ऋण सीमा में दो प्रतिशत की वृद्धि का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के सतत् प्रयासों से हालांकि राज्य के राजस्व में वृद्धि हो रही है लेकिन राजस्व घाटा अनुदान में नियमित कमी तथा पिछले तीन वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के दृष्टिगत हिमाचल की वित्तीय स्थिति पर अत्यंत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
श्री सुक्खू ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की अवधि में प्रदेश के राजस्व घाटा अनुदान में कमी आई है। वर्ष 2020-21 के 10249 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2025-26 में यह घटकर मात्र 3257 करोड़ रुपए रह गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण लगभग 18000 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। इस अवधि में प्रदेश में 1321 लोगों की मृत्यु भी हुई। इस कारण प्रदेश के संसाधन एवं श्रम शक्ति में भी कमी आई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर दर के हाल ही में किए गए युक्तिकरण से कर आधार कम होने से प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि हिमाचल की कठिन परिस्थितियों के दृष्टिगत हिमाचल को उदार वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अपनाए जा रहे उपायों की जानकारी भी प्रदान की।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि प्रदेश की विभिन्न मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल को विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत अतिरिक्त सहायता प्रदान करने और बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं के तहत विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र की योजनाओं के लिए अतिरिक्त स्वीकृति पर भी विचार किया जाएगा।
राज्य सभा सांसद एवं हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, प्रधान आवासीय आयुक्त अजय कुमार यादव और केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।








