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October 30, 2025 8:26 pm

भारत पर ट्रंप के टैरिफ आतंकवाद के विरोध में व देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत की कम्युनिस्ट पार्टी

(मार्क्सवादी) की जिला कमेटी शिमला ने उपायुक्त कार्यालय शिमला पर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद लोअर बाजार से होते हुए शेर ए पंजाब नाज तक एक रैली का आयोजन किया गया। नाज चौक पर एक जनसभा आयोजित की गई जिसे पार्टी नेता राकेश सिंघा ने संबोधित किया। रैली व प्रदर्शन में राज्य सचिव संजय चौहान, राज्य सचिवमंडल सदस्य डॉ ओंकार शाद, डॉ कुलदीप सिंह तंवर, जिला सचिव विजेंद्र मेहरा, लोकल कमेटी सचिव जगत राम, फाल्मा चौहान, जगमोहन ठाकुर, राम सिंह, बालक राम, अनिल ठाकुर, डॉ विजय कौशल, महेश शर्मा, विवेक कश्यप, रमाकांत मिश्रा, हेमराज चौधरी, कुंदन शर्मा, सोनिया सब्रबाल, रमा रावत, कपिल नेगी, रंजीव कुठियाला, रितेश, आशीष सहित कई पार्टी कार्यकर्ता शामिल रहे।
रैली को संबोधित करते हुए राकेश सिंघा ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के उन देशों को शुल्क (टैरिफ) के आतंकवाद से डराने का काम कर रहे हैं, जो अमेरिका की व्यापार शर्तों को नहीं मानते हैं और अमेरिका के साथ उसके व्यापारिक हितों की रक्षा करने के लिए व्यापारिक समझौता नहीं करते हैं। उनके देशों की वस्तुओं पर जो अमेरिका में बेची जाती हैं, उन पर मनमाना शुल्क (टैरिफ) लगाकर उन वस्तुओं की कीमतें अमेरिका के बाज़ार में महंगी हो जाती हैं। पैदा करने वाले देशों को इसका भारी नुकसान पहुंचता है परन्तु अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। इसलिए अपने देश की अर्थव्यवस्था बचाने के लिए अमेरिका इसका इस्तेमाल कर रहा है। शुल्क से अमेरिका अपने देश के मेहनतकशों तथा दुनिया के दूसरे देशों के मेहनतकशों पर बोझ डालता है।
हमारे देश पर भी ट्रंप ने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। हमारे देश से अमेरिका को कृषि वस्तुएं, बागवानी उत्पाद, कपड़ा, मछली, हीरे, चमड़े की वस्तुएं तथा मध्यम छोटे व सूक्ष्म उद्योगों से पैदा होने वाली वस्तुएं वस्तुएं भेजी जाती हैं। इन वस्तुओं पर जब 50 प्रतिशत कर लगेगा तो ये बहुत महंगी हो जाएंगी। इनका देश से निर्यात घाटे का सौदा बन जाएगा। इससे इनका उत्पादन भी कम हो जाएगा। बहुत सी फैक्टरियां बन्द हो जाएंगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा तथा बेरोज़गारी बढ़ेगी क्योंकि जो लोग इसमें काम कर रहे थे, उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। 25 फीसदी व्यापार समझौता न करने तथा 25 फीसदी टैरिफ रूस से तेल खरीदने पर लगाया गया है। इसका एक ही मकसद है कि भारत अमेरिका के सामने हाथ जोड़े। उसके आगे नतमस्तक हो और उसके देश के सभी उत्पादों के साथ अपने देश के उत्पादों की तरह व्यवहार करे ताकि अमेरिका के हितों की रक्षा हो सके। भले ही हमारा देश बर्बाद हो जाये। देश की बर्बादी से अमेरिका को लाभ पहुँचाना है। यह हमारे देश की आर्थिक संप्रभुता व आज़ादी पर हमला है। देश की स्वतन्त्र विदेश नीति पर भी हमला है। अमेरिका हमारे देश को गरीब बना कर अमीर बनना चाहता है। अमेरिका अपनी गरीबी व बेरोज़गारी को भारत में स्थानांतरित करना चाहता है।
मोदी सरकार हमारे देश की स्वतन्त्र विदेश नीति को लगातार अमेरिका परस्त बनाने का काम करती रही है। अमेरिका के साथ रणनीतिक समझौते किए गए हैं जिसके चलते अमेरिका की रणनीति के अनुसार ही मोदी सरकार काम कर रही है और अमेरिका की जूनियर पार्टनर बन गई है। भारत ने अपनी विदेश नीति अमेरिका के हितों के तहत बना दी है। इसी का नतीजा है कि भारत के ऊपर आज इस तरह का अमेरिकी दबाव बनाने की हिम्मत बढ़ी है। आज भी मोदी सरकार अमरीका का खुल कर विरोध नहीं कर रही है जैसा कि दुनिया के दूसरे देशों ने टैरिफ व अन्य प्रश्नों पर किया है। उन्होंने अमेरिका के उत्पादों पर उतना ही टैरिफ लगा कर अमेरिका को चोट पहुँचाई है व अमेरिका को पीछे हटना पड़ा है। शुल्क आतंकवाद (टैरिफ टैररिज्म) से लड़ने का यही सही तरीका है। परन्तु हमारा देश ऐसा नहीं कर पा रहा है क्योंकि अमेरिका हम पर लगातार दबाव बना रहा है।
सी.पी.आई. (एम.) भाजपा की अमेरिका परस्त नीतियों का लगातार विरोध करती रही है। पार्टी ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वह अपने देश की कृषि, कपड़ा उद्योग, मछली पालन, सेब, दुग्ध उत्पादन, मध्यम छोटे व सूक्ष्म उद्योगों (एम.एस.एम. ई) को बचाने के लिए एकजुट होकर इसका मुकाबला करे तथा अमेरिका के आगे सरकार घुटने न टेकना बन्द करे। पार्टी का मानना है कि दुनिया के उन सभी देशों के साथ एकजुट होकर अमेरिका की दादागिरी व टैरिफ आतंकवाद का विरोध करना जरूरी है ताकि अमेरिका पीछे हटे। भाजपा व केन्द्र सरकार के अमेरिकी प्यार व ढुलमुल रवैये के खिलाफ जनता को लामबंद होना है व देश को बचाने के लिए मोदी सरकार की अमेरिका परस्त नीतियों को पीछे धकेलना है।