



Jaipur: राज्य सरकार (State Government) ने प्रदेश में इंटरनेट बंद करने का फैसला संभागीय आयुक्तों पर छोड़ा है. संभागीय आयुक्त स्थानीय परिस्थियों के अनुसार नेटबंदी का निर्णय लेंगे. गृह विभाग की ओर से इस संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है.
प्रदेश में 26 सितंबर को होने वाली रीट परीक्षा (REET Examination) के लिए 16 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. इतनी बड़ी तादाद में अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए संभागीय आयुक्त परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद करने को लेकर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांग रहे थे. राज्य सरकार में आला स्तर पर विचार मंथन करने के बाद प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार की ओर से इंटरनेट बंद करने को लेकर एडवाइजरी जारी की गई.
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हालात बिगड़ने पर ले सकेंगे निर्णय
एडवाइजरी में कहा गया है कि परीक्षार्थियों का राजस्थान के एक जिले से दूसरे जिले में आवागमन रहेगा. ऐसी स्थिति में फेक न्यूज, दुर्घटना की अफवाहें, पेपर लीक की अफवाहें आदि से कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में संभागीय आयुक्त आईजी रेंज, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक पब्लिक ऑर्डर बनाए रखने के लिए तत्समय स्थिति का आंकलन कर नेट बंद करने का निर्णय लेने के निर्देश दिए है.
सुरक्षा के साथ मास्टर स्ट्रोक
प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार ने रीट परीक्षा के दौरान नेटबंदी को लेकर सुरक्षा के साथ मास्टर स्ट्रोक लगाया है. एडवाइजरी में निर्देश भी जारी हो गए और कोर्ट के निर्देश की पालना भी रह गई. कोर्ट के निर्देश हैं कि केवल परीक्षा सुचारू रखने के लिए नेटबंदी नहीं की जाए. वहीं दूसरा संचार मंत्रालय ने 7 अगस्त 2017 को अधिसूचना जारी की थी कि लोक सुरक्षा और लोक आपात को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट बंद किया जा सकता है. ऐसे में संभागीय आयुक्त को तत्समय परिस्थिति उत्पन्न होने पर नेट बंद करने निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं.
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कोर्ट-एक्ट के प्रावधान की भी पालना
जानकारी के अनुसार, सरकार ने एडवाइजरी के जरिए कोर्ट के निर्देश के साथ ही इंडियन टेलीग्राफी एक्ट की पालना भी की है. हाईकोर्ट जोधपुर ने तीन साल पहले याचिका की सुनवाई के दौरान परीक्षा के दौरान बेवजह नेट बंद नहीं करने के लिए सरकार को निर्देश दिए थे. वहीं, इंडियन टेलीग्राफी एक्ट 1985 की धारा 5 और 7 में भी लोक आपात और लोक सुरक्षा की स्थिति में ही इंटरनेट बंदी का प्रावधान किया गया है.