मो. गुफरान/प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) का निधन हो गया है. प्रयागराज (Prayagraj) के बाघमबरी मठ में उनका निधन हुआ है. महंत नरेंद्र गिरि महाराज का शव कल प्रयागराज में उनके कमरे में फंदे से लटकता मिला.
वहीं, नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में पुलिस ने उनके शिष्य योगगुरु आनंद गिरि, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है.
17 साल पहले स्वामी नरेंद्र गिरी का DIG आरएन सिंह से हुआ था विवाद
2004 में मठ बाघंबरी गद्दी के महंत बनने के बाद नरेंद्र गिरि का सबसे पहला विवाद तत्कालीन डीआईजी आरएन सिंह से हुआ था. आरएन सिंह से जमीन बेचने को लेकर कुछ विवाद हुआ, जिसके बाद डीआईजी ने मंदिर के सामने कई दिनों तक धरना दिया. तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने आरएन सिंह को सस्पेंड कर दिया तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ.
स्वामी नरेंद्र गिरि के गनर पर लगा था आय से अधिक संपत्ति का आरोप
महंत स्वामी नरेंद्र गिरि के गनर रह चुके सिपाही अजय सिंह के ऊपर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे।.इस सिपाही के रहन-सहन और ठाठ-बाट पर सवाल खड़ा करते हुए लखनऊ की आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग की थी. 61 लाख के फ्लैट पत्नी के नाम खरीदने का दावा किया था.
इस विवाद में आया था नाम
नोएडा में दिल्ली-एनसीआर के सबसे बड़े डिस्को के साथ ही साथ बीयर बार के संचालक सचिन दत्ता उर्फ सच्चिदानंद गिरि को 31 जुलाई 2015 को महामंडलेश्वर बनाने के विवाद में भी नरेंद्र गिरि का नाम आया था. बाघंबरी गद्दी में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह की मौजूदगी में नरेंद्र गिरि ने सचिन का पट्टाभिषेक कर निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया था.
इस मामले में दर्ज हुआ था मुकदमा
नरेंद्र गिरि का विवाद 2012 में सपा नेता और हंडिया से विधायक रहे महेश नारायण सिंह से जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर भी हुआ था. फरवरी 2012 में महंत ने सपा नेता महेश नारायण सिंह, शैलेंद्र सिंह, हरिनारायण सिंह व 50 अज्ञात के खिलाफ जार्ज टाउन में मुकदमा दर्ज कराया था. दूसरे पक्ष ने भी नरेंद्र गिरि, आनंद गिरि व दो अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
नरेंद्र गिरि किन्नर अखाड़े को मान्यता नहीं देते थे. उनका कहना था कि जगतगुरु शंकराचार्य ने 13 अखाड़ों की स्थापना की थी. किसी को भी 14वें अखाड़े के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती. हालांकि 2019 के कुंभ में मेला प्रशासन ने किन्नर अखाड़े को जमीन और सुविधाएं दी थीं.
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