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डांस लाइक ऐ मैन नाटक का मंचन 31 दिसम्बर 1st जनवरी गेयटी हॉल शिमला में

महेश दत्तानी एक फेमस हिन्दी इंग्लिश प्ले राइटर हैI साहित्य अकादमी अवार्ड से उन्हें नवाज़ा गया हैI उन्होंने डांस लाइक ऐ मैन 1989 में लिखा और पब्लिश हुआ डांस लाइक ऐ मैन तीन जनरेशन की स्टोरी हैI पहली जनरेशन में अमृत लाल पारिख जो कि एक फ्रीडम फाइटर हैI और समाज में उनका मान सम्मान हैI उनका बेटा जयराज  भारतनाट्यम में रुचि रखता है, जिसे अमृतलाल उसके बचपन का शौक मानते हैंI लेकिन धीरे-धीरे कुछ टाइम बाद जयराज अपने डांस को कैरियर बनाने लगता है, जिसे अमृत लाल पारिख बिल्कुल भी पसंद नहीं करते उसे डांस ना करने के लिए समझाते हैंI पर जयराज उनकी बात पर ध्यान नहीं देता और कुछ समय बाद जयराज की रत्ना से शादी हो जाती है और रत्ना भी भरतनाट्यम की dancer हैI और डांस में अपना कैरियर बनाना चाहती है, और वो एक 75 साल की बुढ़ी से नृत्य सीखती है जो कि दासी हैI जयराज से रत्ना की शादी हो जाती है लेकिन अमृतलाल को इनका डांस करना बिल्कुल भी पसंद नहीं है, ये दोनों जिस गुरु से डांस सीखते हैं उसका खर्चा भी अमृतलाल ही करते हैंI लेकिन उस गुरु को वह बिल्कुल भी पसंद नहीं करते क्योंकि उसके लंबे बाल जिसे देखकर जयराज भी अपने लंबे बाल बढ़ाने लगता हैI एक दिन अमृतलाल और जयराज का डांस को लेकर झगड़ा होता हैं जयराज डांस छोड़ने को तैयार नहीं हैI झगड़ा इतना बढ़ जाता हैI जयराज रत्ना को लेकर घर छोड़ देता है और रत्ना के अंकल के घर रहने चला जाता है रत्ना के अंकल रत्ना का फायदा उठाना चाहते है इसलिए जयराज रत्ना को 48 घंटे के बाद ही घर वापस ले आता हैंI तब अमृतलाल रत्ना से कहते हैं कि अगर रत्ना को dancer बनना है तो जयराज को dance से अलग करना होगा, जिसमें रत्ना अपना फायदा देख जयराज को इग्नोर करने लगती है और जूनियर dancer से संबोधित करने लगती है जयराज शराब पीने लगता है इस बीच दोनों के शंकर नाम का लड़का पैदा होता हैI जिसे रत्ना समय नहीं दे पाती उसके लिए आया को रखा जाता है आया शंकर को अफीम देती है ताकि बच्चा सोया रहे और वो अपना घर का काम कर सके एक दिन overdose की बजह से शंकर की मृत्यु हो जाती है और अमृतलाल की मृत्यु बहुत पहले हो चुकी होती हैI अब शंकर की मृत्यु के लिए जयराज कसूरबार रत्ना को ही बताता है अब रत्ना अपनी लड़की लता को dancer बनाना चाहती है, लेकिन वो बिश्वास से प्यार करती है और घर की और ज्यादा ध्यान देती है उसका शौक नहीं है dancer बनाना, जिससे जयराज को खुशी होती है यहीं नाटक का अंत होता हैI इस नाटक का मंचन कल यानि 31दिसम्बर और 1st जनवरी को गेयटी हॉल शिमला में होगाI जिस के डायरेक्टर अजय शर्मा हैंI

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