नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अमेरिका यात्रा पर हैं. आज (शुक्रवार) को व्हाइट हाउस में पहली बार आयोजित होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन (QUAD Summit 2021) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पहली व्यक्तिगत और द्विपक्षीय बैठक के लिए एक साथ आएंगे, तो यह बैठक सही मायनों में ऐतिहासिक होगी.
सबसे बड़ी मुलाकात का एजेंडा?
यह बैठक ऐसे समय पर होने जा रही है, जब पोस्ट-कोविड युग में एक नई विश्व व्यवस्था जन्म लेने की कगार पर है. यह स्पष्ट है कि दोनों नेताओं के सहयोगियों ने चर्चा के लिए एक बहुत ही कड़ा एजेंडा तैयार किया होगा. इसमें कुछ मुद्दों पर चीजों का आदान-प्रदान, द्विपक्षीय अमेरिका-भारत संबंधों में अड़चनों, विवादास्पद मुद्दों को हल करना, आपसी जीत के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों के लिए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करना जैसे महत्वपूर्ण पॉइंट शामिल होंगे.
अफगानिस्तान पर भी चर्चा
क्वाड में अफगानिस्तान पर चर्चा होगी. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने समिट से कुछ ही पहले स्पष्ट कर दिया कि अफगानिस्तान पर चर्चा होगी. बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में बड़ा इनवेस्ट किया है. वहीं भारत का सवाल इस बात पर निर्भर करेगा कि अफगानिस्तान के लिए ओवरऑल स्ट्रेटजी के रूप में अमेरिका क्या योजना बना रहा है. हालांकि, ये बात भी जरूरी है कि अमेरिका जानना चाहेगा कि भारत अफगानिस्तान की स्टेबिलिटी के लिए क्या प्रस्ताव दे सकता है?
आतंकवाद और कट्टरवाद पर वार
विश्व के बड़े नेताओं की इस मीटिंग में अमेरिका आतंकवाद पर एक वैश्विक सम्मेलन का नेतृत्व कर सकता है. हाईटेक खुफिया जानकारी शेयर करना, एफएटीएफ को मजबूत करना, आतंकवादी श्रोतों को कैसे खत्म करना और नेशनल एक्टर्स द्वारा नागरिक व्यवहार को कैसे लागू किया जाए – जैसे पहलुओं पर चर्चा हो सकती है और भारत के सहयोग को भी आमंत्रित किया जाएगा.
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चीन के विस्तारवाद पर ब्रेक
इस बैठक में चीन के विस्तारवाद पर भी चर्चा हो सकती है. इसीलिए चीन तिलमिलाया हुआ है. चीन ने बैठक को लेकर बयान भी कर दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने क्वाड शिखर सम्मेलन (QUAD Summit 2021) को ‘विशिष्ट बंद समूह’ बताया है.
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