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Raghu Sharma Syas need to clear misconceptions about blood donation| रक्तदान को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत- रघु शर्मा

Jaipur: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा (Raghu Sharma) ने कहा कि रक्तदान की महत्ता का अंदाजा लाभार्थी के परिवार से अधिक कोई नहीं लगा सकता है. रक्तदान को लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है, जिससे अधिक से अधिक दानदाता आगे आएं और रक्त की कमी दूर हो सके.

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डॉ शर्मा शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस (National Voluntary Blood Donation Day) पर राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (Rajasthan State Blood Transfusion Council) की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बीते वर्ष में करीब 7.5 लाख यूनिट रक्त का संग्रहण हुआ था, जबकि इस वर्ष अगस्त माह तक करीब 4 लाख यूनिट का ही संग्रहण हुआ है. प्रदेश की आबादी के अनुसार, करीब 8 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती है लेकिन जागरुकता के अभाव में स्वैच्छिक रक्तदान की संख्या कम है. 

रक्तदान से कई बीमारियों से बचाव संभव
चिकित्सा मंत्री ने इस मौके पर भवानी निकेतन पीजी महिला महाविद्यालय की ओर से रक्तदान के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए ‘चिठ्ठी’ अभियान का भी शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि रक्तदान के प्रति इस प्रकार के जागरुकता कार्यक्रमों को सरकारी अभियान का भी हिस्सा बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि चिठ्ठी अभियान में उन सभी बिंदुओं को सम्मिलित किया गया है, जो आमजन में रक्तदान के प्रति भ्रांतियों को दूर करते हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि नियमित रक्तदान से किसी प्रकार की हानि शरीर को नहीं होती है, अपितु रक्तदान (Blood Donation) से कई बीमारियों से बचा जा सकता है. 
 
जागरूकता के लिए चलाई जा रही मोबाइल वैन 
डॉ शर्मा ने कहा कि प्रदेश में एनीमिया, कुपोषण जैसे रोगों से लड़ने के लिए सरकार की ओर से कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. इन रोगों के मरीजों को रक्त की भी काफी आवश्यकता होती है. ऐसे में रक्तदान की महत्ता और अधिक हो जाती है. उन्होंने कहा कि रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान सरकार की ओर से 200 यूनिट रक्त संग्रहण की क्षमता वाली 14 वैन का भी संचालन किया जा रहा है. इनकी मदद से प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों में रक्तदान शिविरों का सफल आयोजन किया जा रहा है. 

रक्तदाता को बनाएंगे ब्रांड एंबेसेडर
राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में चिकित्सा मंत्री ने रक्तदान में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली सामजिक संस्थाओं, मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों, जिला स्तरीय ब्लड बैंक और निजी रक्तदाताओं को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि सम्मानित होने वाली संस्थाएं और निजी रक्तदाता ब्रांड एंबेसेडर के रुप में कार्य करें और अपने आसपास के लोगों को अधिक से अधिक रक्तदान के प्रति जागरुक करें. उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया और उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं और निजी रक्तदाताओं को सरकारी जागरुकता वाले विज्ञापनों और कार्यक्रमों को हिस्सा बनाएं. इस दौरान 93 बार रक्तदान करने वाले रविंद्र पाल सिंह कप्पू और रामचंद्र मीणा ने 83 बार रक्तदान किया है. उन्होंने कहा कि वो लोगों को जागरूक करने के लिए काम करेंगे. 

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दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाले करवाएं अस्पतालों में पंजीकरण
चिकित्सा, स्वास्थ्य और शिक्षा सचिव वैभव गालरिया (Vaibhav Galaria) ने कहा कि वर्तमान में यदि किसी को रक्त की आवश्यकता है तो मजबूरीवश उसके परिवार के किसी सदस्य का रक्त आवश्यक रूप से लिया जाता है. उन्होंने कहा कि यदि दानदाताओं की संख्या अधिक हो और संग्रहण पर्याप्त हो तो सभी को आसानी से रक्त प्राप्त हो सकेगा और मजबूरी में रक्त देने की व्यवस्था भी समाप्त हो जाएगी. 

उन्होंने कहा कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप दुर्लभ है, उन्हें अपना पंजीकरण अस्पताल में कराना चाहिए, जिससे जरूरत के समय अस्पताल ऐसे दानदाताओं से संपर्क कर सकें. इस अवसर पर व्यक्तिगत रक्तदाता, राज्य स्तरीय स्वयंसेवी संस्था, जिला स्तरीय स्वयंसेवी संस्थाओं, मेडिकल कॉलेजों के रक्तदाताओं और जिला स्तरीय रक्तदाताओं को सम्मानित किया.

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