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UP ATS arrested three more suspected terrorists of ISI backed Terror Module total nine arrested so far

लखनऊ: उत्तर प्रदेश एटीएस (UP ATS) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (Inter Services Intelligence) की सरपरस्ती वाले टेटर मॉड्यूल (ISI Sponsered Terror Module Busted) से जुड़े तीन और संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है. मोहम्मद इम्तियाज को प्रतापगढ़, जमील खतरी को रायबरेली से और मोहम्मद ताहिर को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले 14 सितंबर को यूपी के रायबरेली के रहने वाले मूल चंद उर्फ साजू उर्फ लाला, बहराइच के रहने वाले अबू बकर और लखनऊ के रहने वाले मोहम्मद आमिर जावेद और प्रयागराज के रहने वाले जीशान कमर को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. 

इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुंबई के रहने वाले जान मोहम्मद शेख (47) उर्फ समीर कालिया को कोटा से एक ट्रेन में और जामिया नगर के रहने वाले ओसामा (22) उर्फ सामी को ओखला से गिरफ्तार किया था. दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एटीएस ने जॉइंट ऑपरेशन (Delhi Police Special Cell and UP ATS Joint Operation) में इस टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, जिनका मकसद भारत के अलग-अलग शहरों में धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों पर बम ब्लास्ट करना था. इसके अलावा इन संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भी था, जिसमें बम ब्लास्ट की तैयारी थी.

दिल्ली पुलिस और यूपी एटीएस का जॉइंट ऑपरेशन
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक दिल्ली से गिरफ्तार ओसामा उर्फ समी और प्रयागराज के करेली से गिरफ्तार जीशान कमर को पाकिस्तान में आईएसआई ने ट्रेनिंग दी थी. दोनों को उसी थट्टा टेरर कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी, जहां मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के दोषी आतंकवादी अजमल कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी. उसे 21 नवंबर 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था. थट्टा पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मौजूद जगह है. इसे आतंकियों का गढ़ कह सकते हैं, क्योंकि कई कुख्यात आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप यहां चलते हैं. इस गिरोह का लक्ष्य दिल्ली, यूपी व महाराष्ट्र के अलावा देश के अन्य राज्यों में सीरियल ब्लास्ट करने का था. 
    
सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियों से मिला था सारा इनपुट
दिल्ली स्पेशल सेल के डीसीपी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी से इनपुट मिला था कि पाकिस्तान प्रायोजित एक आतंकी मॉड्यूल देश के विभिन्न राज्यों में सीरियल ब्लॉस्ट की योजना बना रहा है. इसके लिए सीमा पार से आईईडी की व्यवस्था की गई है. इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम ने डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में पहले ओखला से ओसामा को गिरफ्तार किया जो इस स्लीपर सेल का मुखिया है. ओसामा से पूछताछ में पता चला कि महाराष्ट्र और यूपी में इसके सहयोगी हैं जो सीरियल ब्लास्ट की तैयारी कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने यूपी एटीएस की मदद से एक साथ कई स्थानों पर छापे मारे गए. 

ISI Terror Module: ओसामा-जीशान ने पाकिस्तान के उसी टेरर कैंप में ली ट्रेनिंग, जहां की पैदाइश था अजमल कसाब

 

सबसे पहले राजस्थान के कोटा से जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया को हिरासत में लिया गया जो ट्रेन में था और दिल्ली जा रहा था.  यूपी के बहराइच के रहने वाले मोहम्मद अबू बकर को सराय काले खां, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. जीशान की गिरफ्तारी प्रयागराज से की गई, मोहम्मद आमिर जावेद को लखनऊ से और मूलचंद उर्फ साजू को रायबरेली से गिरफ्तार किया गया. यूपी में हुईं सारी गिरफ्तारियां यूपी एटीएस ने की हैं. दिल्ली स्पेशल सेल के अनुसार इस मॉड्यूल को एक स्लीपर सेल संचालक ने आरडीएक्स आधारित बम, पिस्तौल और कारतूस सप्लाई किए जा चुके थे. इसे छिपाने के लिए यूपी भेजा गया था.

दाऊद का भाई अनीस इब्रहिम था को-ऑर्डिनेटर
यूपी एटीएस ने प्रयागराज से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए हैं. इस विस्फोटक को दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्रहिम ने अपने नजदीकी जान शेख मोहम्मद व मूल चंद के माध्यम से दिल्ली पहुंचाने का काम सौंपा था. दिल्ली से मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में अन्य आतंकी गुर्गों को यह विस्फोटक सौंपे जाने थे. इसके बदले इन लोगों को हवाला के जरिए पैसे दिए जाने थे. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी ने बताया कि आरोपी ओसामा इसी साल 22 अप्रैल 2021 को लखनऊ से सलाम एयर लाइन की फ्लाइट से मस्कट पहुंचा था. यहां उसकी मुलाकात प्रयागराज निवासी जीशान से हुई. 

थट्टा ट्रेनिंग कैंप में 15 दिन दहशतगर्दी की ट्रेनिंग
मस्कट में ही इन दोनों को कुछ बांग्लादेशी भी मिले, जो प्रशिक्षण के लिए आए हुए थे. मस्कट से ओसामा और जीशान को समुद्री जहाज से जियोनी नाम की जगह पर ले जाया गया जो ग्वादर बंदरगाह (पाकिस्तान के नजदीक) के पास पड़ता है. बंदरगाह से ये दोनों पाकिस्तानी युवक की मदद से थट्टा स्थित ट्रेनिंग कैंप पहुंचे. पाकिस्तान के रहने वाले जब्बार और हमजा ने उन्हें प्रशिक्षण दिया. ये दोनों पाकिस्तानी सेना से थे क्योंकि उन्होंने सैन्य वर्दी पहनी हुई थी. ओसामा और जीशान को 15 दिनों तक दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद से बम और आईईडी बनाने और आगजनी करने, एके 47 और छोटे हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के बाद दोनों समुद्र के रास्ते मस्कट वापस और फिर यहां से हवाई मार्ग के जरिए भारत लौटे. ये दोनों अपने शागिर्दों के साथ भारत में सीरियल ब्लास्ट की तैयारी में जुट गए.

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