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UPSC Topper Success Story: Meet India 1st visually challenged woman IAS Officer Pranjal Patil | 7 साल की उम्र में खो दी आंखों की रोशनी, ब्रेल लिपि से की पढ़ाई; फिर ऐसे बनीं पहली नेत्रहीन महिला IAS

नई दिल्ली: महज 7 साल की उम्र में अपनी दोनों आंखों की रोशनी गंवाने वाली प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) ने अपनी कमजोरी को कभी भी अपने सपनों के आड़े नहीं आने दिया. कम उम्र में ही प्रांजल की आंखों के सामने अंधेरा जरुर हो गया, लेकिन उन्होंने अपनी लगन और हौसले को कभी हारने नहीं दिया. साल 2017 में वह दूसरे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) पास कर आईएएस अफसर बनने में सफल रहीं.

प्रांजल ने ब्रेल लिपि से की पढ़ाई

महाराष्ट्र के उल्लासनगर की रहने वाली प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) की शुरुआती पढ़ाई मुबंई के दादर स्थित श्रीमति कमला मेहता स्कूल से हुई, जो प्रांजल जैसे खास बच्चों के लिए है और ब्रेल लिपि में पढ़ाई होती हैं. यहां से 10वीं करने के बाद प्रांजल ने चंदाबाई कॉलेज से आर्ट्स में 12वीं की और 85 फीसदी अंक हासिल किए. इसके बाद उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में ग्रेजुएशन किया.

तैयारी के बारे में किसी को नहीं बताया

Zee News की सहयोगी वेबसाइट DNA की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) जब ग्रेजुएशन में थीं, तब उन्होंने यूपीएससी के बारे में एक आर्टिकल पढ़ा था और वह यूपीएससी से काफी प्रभावित हुई थीं. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी से संबंधित जानकारियां जुटानी शुरू की और फिर तैयारी करने लगीं. हालांकि, अपने सपने के बारे में उन्होंने कभी भी किसी से बात नहीं की, लेकिन अंदर ही अंदर उसके लिए तैयारी करती रहीं.

IAS Officer Pranjal Patil Success Story

जेएनयू से किया एमए और एमफिल

ग्रेजुएशन करने के बाद प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) दिल्ली आ गईं और फिर जेएनयू से उन्होंने एमए किया. इसके बाद उन्होंने एमफिल इन टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल की और फिर PhD कार्यक्रम के लिए चली गईं.

नेत्रहीनों के लिए बनाया खास सॉफ्टवेयर

एमफिल इन टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल करने के बाद प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) ने एक बड़ा सॉफ्टवेयर JAWS बनाया, जो नेत्रहीन और दृष्टिबाधितों को स्क्रीन पर टेक्स्ट टू स्पीच आउटपुट के साथ एक रिफ्रेशेबल ब्रेल डिसप्ले के साथ स्क्रीन पढ़ने की सुविधा देता है.

बिना कोचिंग ऐप की मदद से की तैयारी

प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) ने यूपीएएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं लेने का फैसला किया था और उन्होंने विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से अपनी परीक्षा की तैयारी की, जो उनके लिए किताबें पढ़ सकता था. इसके अलावा प्रांजल ने कई मॉक टेस्ट पेपर भी सॉल्व किए थे और डिस्कशन में भी हिस्सा लिया था.

दूसरे प्रयास में बनीं आईएएस

प्रांजल पाटिल (Pranjal Patil) ने साल 2016 में पहली बार यूपीएएस एग्जाम दिया और ऑल इंडिया में 773 रैंक हासिल की, लेकिन दृष्टिबाधित होने के कारण उन्हें रेलवे अकाउंटेंट्स सर्विस की जॉब नहीं मिली. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी. अगले ही साल 2017 में ऑल इंडिया में 124वीं रैंक हासिल करते हुए इतिहास रचा और देश की पहली नेत्रहीन महिला आईएएस अफसर बनीं.

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