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upsc toppers success story of sadaf chaudhry who passed without coaching and know about shubham kumar | UPSC Result: बिना कोचिंग घर पर हुई पढ़ाई, जानें टॉपर्स ने कैसे कामयाबी पाई

नई दिल्ली: सिविल सर्विसेज परीक्षा के नतीजे आ गए हैं. इस बार भी कुछ यूपीएससी (UPSC) टॉपर्स की कामयाबी की कहानी (Sucess Story) लोगों के दिलों को छूते हुए जिंदगी की नई राह दिखा गई. यहां बात उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुड़की की मूल निवासी सदफ चौधरी (Sadaf Choudhary) की जिनकी सफलता पर अब पूरा परिवार गर्व कर रहा है. 

सेल्फ स्टडी से पूरा किया सपना

‘जहां चाह-वहां राह’, इस कहावत को साकार किया है सदफ ने जिनका कहना है कि उन्‍होंने अपने घर पर ही पढ़ाई कर 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद ये मुकाम हासिल किया है. इस परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने कोई अलग से कोचिंग नहीं की. बल्कि जालंधर से BTech करने के बाद घर पर ही कड़ी मेहनत कर सिविल सेवा की तैयारी की और ये मुकाम हासिल किया. 

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पैरेट्स को दिया कामयाबी का क्रेडिट

यूपीएससी की परीक्षा में 23वीं रैंक हासिल करने वाली शिक्षानगरी रुड़की की सदफ चौधरी को बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है. सदफ के पिता देवबंद स्थित ग्रामीण बैंक की शाखा में मैनेजर हैं. उन्होंने बच्चों को पढ़ाने लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

परीक्षा पास करने का पूरा श्रेय अपने परिवार को देते हुए सदफ चौधरी ने बताया कि ये मुकाम उनको माता पिता के आशीर्वाद से मिला है. सदफ इस कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता के प्यार, भरोसे और त्याग को देती हैं.

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इस क्षेत्र पर होगा टॉपर का फोकस

इसी तरह सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर शुभम कुमार ने का कहना है कि आईएएस (IAS) अधिकारी बनकर वंचितों की सेवा करने का उनका सपना पूरा हो गया. शुभम कुमार ने कहा कि वो पद संभालने के बाद गांवों का विकास, रोजगार सृजन और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन पर उनका फोकस रहेगा.

बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले कुमार फिलहाल पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा वित्तीय प्रबंधन अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं. 24 साल के शुभम कुमार ने अपने तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया. वो 2018 के फर्स्ट अटैंप्ट में पास नहीं हो सके, 2019 में उनका चयन भारतीय रक्षा लेखा सेवा (IDAS) के लिए हुआ था.

आपको बता दें कि शुभम ने IIT बंबई से बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन किया है जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए मानव शास्त्र को वैकल्पिक विषय चुना था.

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