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Votes cast for selection of Merkel’s successor in Germany, tough competition from opposition parties | दुनिया की सबसे ‘पावरफुल’ महिला 16 साल बाद छोड़ रहीं सत्ता, कौन लेगा जगह?

बर्लिन: जर्मनी (Germany) के मतदाता एक चुनाव में नई संसद का चयन कर रहे हैं जो यह निर्धारित करेगा कि यूरोप (Europe) की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सर्वोच्च पद पर 16 साल तक काबिज रहीं चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) का उत्तराधिकारी कौन होगा. मर्केल की विदाई को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है.

उत्तराधिकारी के लिए हुई वोटिंग

रविवार को वोटिंग में मर्केल के मध्य-दक्षिणपंथी दल यूनियन ब्लॉक और मध्य-वामपंथी दल सोशल डेमोक्रेट्स के बीच बेहद नजदीकी मुकाबला हुआ. सुबह 8 बजे वोटिंग शुरू हो गई, जो शाम 6 बजे तक चली और 40 फीसदी लोगों ने मतदान किया. 2017 के मुकाबले पोस्टल वोटिंग की ये संख्या ज्यादा है. यूनियन ब्लॉक की ओर से आर्मिन लास्केट चांसलर पद की दौड़ में हैं, वहीं दूसरे दल की ओर से निवर्तमान वित्त मंत्री एवं वाइस चांसलर ओलाफ स्कोल्ज उम्मीदवार हैं. हाल के सर्वेक्षणों में सोशल डेमोक्रेट्स को मामूली रूप से आगे दिखाया गया है.

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8.3 करोड़ है देश की आबादी

करीब 8.3 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में लगभग 6.04 करोड़ लोग संसद के निचले सदन के सदस्यों को चुनने की पात्रता रखते हैं. ये सदस्य बाद में सरकार के प्रमुख को चुनते हैं. किसी भी पार्टी के स्पष्ट बहुमत के इर्द-गिर्द पहुंचने की उम्मीद नहीं है. कई बड़े संकटों के बीच जर्मनी को चलाने के लिए मर्केल ने प्रशंसा हासिल की है. उनके उत्तराधिकारी को कोरोनो वायरस (Coronavirus) महामारी से पार पाना होगा, जिसका अब तक जर्मनी ने बड़े बचाव कार्यक्रमों के जरिए रिलेटिवली अच्छे तरीके से सामना किया है.

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‘मर्केल की विदाई से खास बना चुनाव’

बर्लिन में सामाजिक कार्यकर्ता वीबके बर्गमैन (48) ने कहा कि मर्केल की विदाई ने इस चुनाव को बेहद खास बना दिया है. उन्होंने कहा, ‘मैंने बहुत सोचा कि मेरे हिसाब से कौन सा उम्मीदवार अगला चांसलर होना चाहिए. सुबह तक मैं अपना मन नहीं बना पाया था. सच कहूं तो तीनों में से किसी ने मुझे प्रभावित नहीं किया. तीनों अच्छे इंसान प्रतीत होते हैं, लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि इनमें से कोई अगले चांसलर के तौर पर अच्छा काम कर सकता है.’ 

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ऑनलाइन बैंक में मैनेजर हैं जैन केम्पर

वामपंथ का गढ़ माने जाने वाले राजधानी के क्रेउजबर्ग जिले में, जैन केम्पर (41) एक ऑनलाइन बैंक में मैनेजर हैं. वह कहते हैं कि उनके लिए जलवायु परिवर्तन और जर्मनी के डिजिटलीकरण की धीमी गति मुख्य चिंताएं हैं. उन्होंने मर्केल की प्रबंधन शैली की तारीफ की, लेकिन कहा कि कई प्रमुख मुद्दे अभी बाकी हैं.

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