Jaipur: राजस्थान में दो विधानसभा सीटों वल्लभनगर और धरियाबाद के उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. तारीखों की घोषणा के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई. बैठक में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ सहित पार्टी के कई विधायक मौजूद रहे. बैठक में वल्लभनगर और धरियाबाद विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर टिकट वितरण चुनाव प्रचार सहित अलग-अलग मुद्दों पर गहन मंथन हुआ.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने कहा कि दोनों विधानसभा सीटों के चुनाव कांग्रेस पार्टी जीतेगी. राजस्थान की जनता सरकार के कामकाज पर मुहर लगाएगी, इससे पहले भी कांग्रेस ने पंचायत निकाय और उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. जनता के बीच अशोक गहलोत के नेतृत्व और सरकार की योजनाओं को लेकर जाएंगे. गुलाबचंद कटारिया के दो सीटों के जीतने के दावे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गुलाबचंद कटारिया पहले यह तय करें कि पार्टी का झगड़ा कैसे खत्म होगा. वसुंधरा राजे के लोगों को साइड लाइन कैसे किया जाएगा.
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टिकट को लेकर कांग्रेस पार्टी में भी दावेदारी बहुत है लेकिन कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी नहीं है. सर्वसम्मति से ही योग्य प्रत्याशी का चयन होगा. दरअसल किसी भी विधायक-सांसद के निधन या इस्तीफे की वजह से खाली हुई सीट पर छह महीने में उपचुनाव करवाना अनिवार्य होता है. वल्लभनगर सीट पर जून अंत तक चुनाव होने जरूरी थे, लेकिन कोरोना के प्रकोप का हवाला देकर चुनाव आयोग ने विशेष छूट दी. हालांकि इससे पहले तीन सीटों पर अप्रैल में ही उपचुनाव करवाए थे, लेकिन चुनाव आयोग ने वल्ल्भनगर सीट पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की.
बाद में कोरोना का प्रकोप बढ़ गया और इस सीट पर उपचुनाव टल गए. इस बीच मई में धरियावद से बीजेपी विधायक गौतमलाल मीणा का निधन हो गया. उपचुनावों का मंत्रिमंडल फेरदबल पर क्या असर होगा, इसे लेकर भी चर्चाएं जारी है. दरअसल वल्लभनगर चुनाव के प्रभारी प्रताप सिंह खाचरियावास है तो धरियावद में चुनाव समिति के चेयरमैन मंत्री अर्जुन लाल बामणिया है. इसके अलावा वल्लभनगर में मंत्री प्रमोद जैन भाया, उदयलाल आंजना, विधायक गणेश घोगरा, दयाराम परमार, लाखन मीणा और पूर्व मंत्री पुष्कर डांगी को सदस्य बनाया गया है.
धरियावाद उपचुनाव की समिति में मंत्री अशोक चांदना, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल मीणा कांग्रेस नेता दिनेश खोड़निया और धर्मेंद्र राठौड़ को सदस्य बनाए गया है. ऐसे में चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल से कई मंत्री विधायकों की भूमिका पर असर पड़ सकता है. हालांकि यह सब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी आलाकमान पर निर्भर करेगा. उपचुनाव की इन दोनों सीटों की बात की जाए तो इनमें वल्ल्भनगर ज्यादा हॉट सीट है. यहां कांग्रेस-बीजेपी के सामने भिंडर चुनौती हैं. भिंडर इस सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं.
कांग्रेस में यहां दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीती शक्तावत दावेदार है. हालांकि प्रीति शक्तावत की दावेदारी का उनके जेठ देवेंद्र शक्तावत विरोध कर रहे हैं. देवेंद्र शक्तावत ने प्रीति शक्तावत को टिकट देने पर पार्टी छोड़ने तक की धमकी दी है. पिछले तीन उपचुनाव में दोनों ही पार्टियों ने सहानुभूति कार्ड खेला था, ऐसे में एक बार फिर से लगता है कि इन उपचुनावों में दोनों पार्टियां सहानुभूति कार्ड चल सकती हैं. दिवंगत विधायकों के परिवारों से ही टिकट दिए जा सकते हैं. कांग्रेस वल्लभनगर में दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी को टिकट दे सकती है. धरियावद में बीजेपी दिवंगत विधायक गौतम मीणा के परिवार से टिकट देने पर विचार रही है.
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परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि टिकट का फैसला सर्वमान्य और सबकी सहमति से होगा कांग्रेस में टिकट को लेकर कोई झगड़ा नहीं है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि जनता महाराणा प्रताप और भगवान राम का अपमान करने वाली भाजपा को इन चुनाव में सबक सिखाएगी. मिशन 2023 की चुनौती से पहले यह दोनों चुनाव सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्ष भाजपा दोनों के ही लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसे में प्रतिष्ठा इस लड़ाई में दोनों ही दल कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. इतना जरूर है कि सत्ताधारी दल होने के नाते कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में फेवरेट मानी जा रही है, लेकिन फिर भी दोनों ही सीटों पर कांग्रेस की राह इतनी आसान नहीं है.