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विधानसभा में गलत बयानी के लिए अपना इस्तीफा देकर प्रदेश के किसानों और जनता से माफी मांगे कृषि पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर

शिमला हिमदेव न्यूज़ 10 सितंबर 2022: मॉनसून सत्र के दौरान विधान सभा के अंदर प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने एक प्रश्न के उत्तर में प्रदेश में दुधारू पशुओं और खास तौर पर गौवंश में बुरी तरह फैल रहे लंपी वायरस को लेकर साफ तौर पर कहा था की लंपी वायरस को प्रदेश में आपदा घोषित कर दिया गया है तथा प्रति मृत पशु उसके पालकों को 30000 मुआवजा जारी किया जाएगा जबकि उसके बाद 29 अगस्त को प्रदेश के मुख्य सचिव यह बयान जारी करते हैं के सरकार और पशुपालन विभाग के पत्राचार में किसी कमी की वजह से यह देरी हुई है और अगले एक-दो दिनों में इस को महामारी घोषित करके मुआवजे का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा और अब 8 सितंबर को प्रदेश सरकार का नया बयान आता है कि उन्होंने केंद्र सरकार को इस बीमारी को आपदा घोषित करने के लिए पत्र लिखा है। सरकार के सभी विभागों मंत्रियों और अधिकारियों में तालमेल का भारी अभाव जहां इन सभी बयानों में स्पष्ट विरोधाभास तथा सरकार की लापरवाही दिखाई देती है वही मंत्री का विधानसभा में अधिकारिक उत्तर तथा बाहर मीडिया के एक वर्ग को दिया गया बयान बेहद असंवैधानिक और गैर जिम्मेदाराना है। इस बीमारी के कारण जहां प्रदेश में लाखों दुधारू पशु और गोवंश जहां-तहां तड़पने और मरने को मजबूर हैं और इनके पालकों को भारी मानसिक और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में आम आदमी पार्टी का स्पष्ट आरोप है कि हिमाचल प्रदेश सरकार महज बयानों से किसानों और पशुपालकों का पेट भरने और गुमराह करने की कोशिश निरंतर कर रही है। प्रदेश सरकार हर वर्ष गाय सेस के नाम पर शराब की बिक्री तथा अन्य मदों में करोड़ों रुपए अर्जित करती है प्रदेश सरकार हर वर्ष शराब की बिक्री तथा कई अन्य मदों में करोड़ों रुपए का टैक्स सेस के माध्यम से अर्जित करती है। इसके लिए बकायदा गौ सेवा आयोग का भी गठन किया गया है जिसके पदाधिकारी सरकारी खर्चे पर मौज कर रहे हैं और अब जब गाय पर असली और सबसे बड़ा संकट आया है तब सरकार और गौ सेवा आयोग के सभी सदस्य और पदाधिकारी शतुरमुर्ग की तरह अपनी गर्दन रेत में दबा कर बैठ गए हैं। एक मंत्री का विधानसभा में बिना तथ्यों ऐसा बयान जो झूठ की श्रेणी में आता है उनके पद और गोपनीयता की शपथ के खिलाफ है इसलिए मंत्री शीघ्र अपना इस्तीफा देकर प्रदेश की जनता से माफी मांगे। इस बारे मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुद आगे आकर सही स्थिति पर अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए और दशकों बाद इतने बड़े आपदा पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए क्योंकि स्थिति दिन प्रति दिन और गंभीर होती जा रही है तथा किसान विरोधी जयराम ठाकुर सरकार पहले की तरह गहरी नींद में सोई है।