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Jitan Ram Manjhi told Lord Ram to be imaginary bjp advices to change his name | भगवान राम को लेकर मांझी का विवादित बयान, BJP बोली-अपना नाम बदलें पूर्व CM

Patna: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भगवान राम के बारे में विवादास्पद बयान देने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) से पहले भाजपा नेताओं के रडार पर आ गए. भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर (Haribhushan Thakur) ने मांझी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) अपने नाम में राम शब्द को बदलकर राक्षस क्यों नहीं कर लेते, क्योंकि वह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम में विश्वास नहीं करते हैं.

BJP ने मांझी को नाम बदलने की दी सलाह
ठाकुर ने कहा, ‘मांझी ने राम के अस्तित्व पर सवालिया निशान लगाया. मैं मांझी से पूछना चाहता हूं कि उनके माता-पिता ने उनका नाम जीतन राम मांझी क्यों रखा. वह अपना मध्य नाम बदलकर ‘राक्षस’ क्यों नहीं कर लेते. वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर घटिया राजनीति कर रहे हैं.’

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‘सच्चाई पर आधारित नहीं है रामायण’
मधुबनी जिले के विसफी से भाजपा विधायक ने कहा कि राम केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में पूजे जाते हैं. दरअसल, जीतन राम मांझी ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें बिहार के स्कूली पाठ्यक्रम में रामायण को शामिल किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्होंने यह कहकर विवाद भी खड़ा कर दिया कि रामायण (Ramayan) की कहानी सच्चाई पर आधारित नहीं है.

मांझी ने रामायण के बताया काल्पनिक
मांझी ने कहा, ‘रामायण में कई अच्छी चीजें हैं, जिनका उपयोग हमारे बच्चों और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए किया जा सकता है. हमारे बड़ों और महिलाओं का सम्मान करना इस पुस्तक की विशेषताएं हैं. मुझे रामायण को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि यह एक काल्पनिक पुस्तक है और मुझे नहीं लगता कि राम एक महान व्यक्ति थे और उनका वास्तविक जीवन था.’

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‘सस्ती राजनीति कर रहे मांझी’
भाजपा के ओबीसी विंग के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा, ‘जीतन राम मांझी बिहार के एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें ऐसी किसी भी चीज पर बयान देने से बचना चाहिए, जिससे लोगों के ध्रुवीकरण की संभावना हो. उनका बयान इस धरती से आने वाले हर महान व्यक्ति के खिलाफ है. उन्होंने भगवान राम के खिलाफ जो कुछ भी कहा, वह देश के लोगों की एक बड़ी संख्या को आहत कर सकता है. यह जीतन राम मांझी की सस्ती राजनीति है.

रामायण को मध्य प्रदेश के स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है और बिहार में इसे राज्य के पाठ्यक्रम में भी शामिल करने की चर्चा चल रही है.

(इनपुट-आईएएनएस)

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