नई दिल्ली: सुपरहिट फिल्म बनाने के नाम पर लोगों से बड़ा निवेश कराना और फिर उनके सारे पैसे लेकर भाग जाने की वारदात भले ही आपको किसी फिल्म की स्टोरी की तरह लग रही हो. लेकिन कुछ लोग उस फिल्मी कहानी को अपनी असल जिंदगी में अमल करके रातोंरात करोड़पति बनने की काबलियत भी रखते हैं. उन्हीं शातिर ठगों में एक नाम है उदित ओबेरॉय (Udit Oberoi) भी है.
लालच देकर लोगों को फंसाया
उदित ओबरॉय ने ठीक उसी तर्ज पर मैसर्स स्वैग प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (M/s Swag Production Private Limited Company) खोली और फिर लोगों को उसमें निवेश करने पर अच्छे रिटर्न का लालच दिया. उसने लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए बड़े-बड़े फिल्म प्रोजेक्ट में काम करने की बात कही और कई आकर्षक झूठे वादे किए. हालांकि शुरुआत में कुछ शिकायतकर्ताओं को पैसे वापस भी दिए गए. लेकिन बाद में पेमेंट रोक दी गई.
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लोगों को दिखाए फर्जी फिल्मों के ट्रेलर
जब निवेशकों को ठगे जाने का अहसास हुआ तो उन्होंने कंपनी से संपर्क किया, तो उन्होंने पाया कि कंपनी का काम बंद था. साथ ही लॉन्च की गई फिल्मों और प्रोजेक्ट के ट्रेलर सभी फर्जी थे. कंपनी ने फर्जी कार्यक्रम आयोजित करके निवेशकों को धोखा दिया और उनकी गाड़ी कमाई पर से हाथ साफ कर दिया. निवेशकों के पैसों का इस्तेमाल उदित ओबेरॉय ने अपने निजी खर्चो के लिए किया था. निवेशकों ने जब आगे की जांच की तो पता चला कि कंपनी आरबीआई (RBI) के साथ एनबीएफसी (NBFC) के रूप में रजिस्टर्ड नहीं थी. जिसके बाद ठगे गए निवेशकों ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में केस दर्ज कराया. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की जिसमें पता चला कि लोगों से पैसे ठगने के बाद उदित ओबेरॉय के फरार होने की बात सामने आई.
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EOW की पूछताछ में उदित ने कबूला जुर्म
हालांकि जल्द ही EOW ने फरार आरोपी उदित ओबेरॉय को गिरफ्तार कर लिया. उसने पूछताछ में कबूला कि कंपनी के डायरेक्टर्स ने लोगों से ठगी करने के इरादे से ही ही इस कंपनी को खड़ा किया था. उदित ओबेरॉय इस कंपनी में सिर्फ 50 प्रतिशत के शेयर होल्डर्स हैं. उदित ने बताया कि वो सिर्फ 11वीं क्लास तक पढ़ा हुआ है और एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है. स्कूल में पढ़ाई के दौरान अमीर परिवार के बच्चों से उसकी दोस्ती थी. इसी दौरान उसने खुद भी अमीर बनने की ठान ली थी. उदित ने मनी मंत्रा (Money Mantra) रियल एस्टेट कंपनी के साथ काम भी किया था, जिसे भारी नुकसान हुआ था. उसी के बाद उदित ने जल्द पैसा कमाने के लिए फिल्म बनाने की एक फर्जी स्क्रिप्ट लिखी और उसमें फाइनेंस करने वालो को भरोसा दिलाया कि उसकी फिल्म हर हाल में सुपरहिट होगी. इसी लालच में आकर कई निवेशक फंस गए और अपनी गाड़ी कमाई उदित जैसे शातिर के हाथ दे गए थे.
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